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आपके जैसे बच्चों की हमेशा दुनिया में जरूरत होती है

ahlawatPosted for Everyone to comment on, 3 years ago3 min read

‌‌‌एक कहानी हमे बहुत कुछ सीखती है। मधु और उसके पिता एक छोटे से गाँव में रहते थे। मधु की मां बीमारी के कारण मौत हो गई। मधु हमेशा अपने पिता के साथ लकड़ी इकट्ठा करती है। वह जंगल में जाते थे। उन्होने लकड़ी बेचकर पैसे कमाए करते थे। उसने खाना बनाने के लिए भी कुछ लकड़ी का इस्तेमाल करते थे। एक दिन जब वे जंगल में गया। मधु कोई लकड़ी नही मिली है। इसे पाने के लिए वह दूर तक चली जाती थी। और रेवले लाइन पर पहुच गई। उसने वहाँ से लकड़ी एकत्र करने शुरु कर दिया। वह काफी समय बाद उसने एक दृश्य देखा। यह एक टूटी हुइ रेलवे लाइन थी। उसे देखकर सोचने लगी। और वह भयभीत थी। कि टूटी हुई रेखा के बारे में अपने पिता को बनाने के लिए अवाज लगाइ। कुछ समय बाद उसके पिजा उसके पास आये। पिता ने उसकी बात सुनी। और कहा, अब हमें क्या करने चाहिए ? मधु ने कहा, ओह! भगवान ही हमारी मदद कर सकते है। हम मुसीबत में फंस गए है। उनके पिता को एक विचारधार मिली। उन्होने सोचा है कि हमें ट्रेन रोकने की कोशिक करते है। इसलिए उन्होने लकड़ी जालने आरम्भ किया। ताकि ट्रेन प्रकाश के कारण रुक जाये। प्रकाश बहुत उज्ज्वल होना चाहिए। ताकि यह लंबी दूरी तक दिख सके।

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‌‌‌मधु को एक विचार आया। कि वह अपनी आवाज़ ट्रेन को रोकने की कोशिश कर सकती है। लेकिन पिता जी ने कहा, कि ट्रेन की आवाज़ नही आ पायेगी। तो उन्होने लकड़ी को दूसरी तफर ले जाऍ, जहाँ से ट्रेन को दिखाई देता हो। हम दोनो ने मिलकर अलाव बनाए। यह बीस मिनट तक जलते रहेगा। पिता ने बेटी से रेवले ट्रैक पर ले जाया। पिता ने लकड़ी को टुकड़ो में काट दिया। उसके पिता चिल्लाए, कि अभी नही, अभी नही, हम ट्रेन आने से ठीक पहले उसे रोशन करेगे। मधु ने इस बीच एक झंडा बनाया। उसके अनेक रंगो के कपड़े थे। लेकिन उसके पिताजी ने कहा, सिर्फ लाल रंग ही खतरा होता है। यट ट्रेन को चेतावनी देने में मदद कर सकते है। पिता ने कहा। लड़की ने अपनी लाल स्कर्ट का एक टुकड़ा फाड़ा और उसे पेड़ की टूटी शाखा से बांध दिया। और पिता को दिखाए। ट्रेन आने पर वह इस झंडे को सामने लाए। समय बीत रहा था। लेकिन लड़ी भगवान से प्रार्थन कर रही थी। कृपया करके मेरी योजना में सफल हो। उसके पिता ने अपने कान ट्रैक पर रखा। और वह अचानक खड़ा हो गया। और कहां मुध झंडा लेकर ट्रैक पर लहरते हुए। आगे बढ़ती रही। फिर पिता जी ने आंग जला दी।

‌‌‌मधु ट्रेन को रुक रुक करती रही। ट्रेन के पलटते ही चमक तेज हो गई। ड्राइवर की अचानक लड़ी पर नजर गाई। वह उसे देखकर चौंक गया। और हाथ लहराते हुए लड़की को ट्रैक से दूर जाने का संकेत देता है। हाथों हाथ उसने लड़की के हाथ में लाल झंडा देखा। और कुछ दूरी पर आग भी लगा देखी। वह ट्रेन को धीमा कर देता है। जब तक की आग का ढेर बन्द नही हो जाते। यह इस अदुभुत को देखता है। और अपनी ट्रेन को रोक देता है। पिता और बेटी बहुत खुश होते है। अंत उनकी आवाज ईश्वर ने सुन ली। इस साहस की सराहना करता हॅू। यह बहादुरी कभी नही भूलंगे।

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Enjoy your Saturday. A good story makes us learn something new in life. Welcome to this story.
Have a good day.

Thanks for your tip, comments

@ahlawat

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